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ऊपर बादर घर्राएँ हों (कुआँ-पूजन) / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

ऊपर बादर घर्राएँ हों,
नीचे गोरी धन पनिया खों निकरी ।
जाय जो क‍इऔ उन राजा ससुर सों,
अँगना में कुइआ खुदाय हो
तुमारी बहू पनिया खों निकरी ।
जाय जो क‍इऔ उन राजा जेठा सों,
अँगना में पाटें जराय हो,
तुमारी बहू पनिया खों निकरी ।
जाय ओ कइऔ उन वारे देउर सों,
रेशम लेजे भूराय हों
तुमारी बहू पनिया खों निकरी ।
अरे ओ जाय ओ कइऔ उन राजा ननदो‍उ सों,
मुतिखन कुड़ारी गढ़ाए हों,
तुमारी सारज पनिया खों निकरी ।
जाय जो क‍इऔ उन राजा पिया सों,
सोने का घड़ा बनवाए हों,
तुमारी धनि पनिया खों निकरी ।






भावार्थ