भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जुल्फ अँगड़ाई तबस्सुम चाँद आइना गुलाब / अदम गोंडवी

Kavita Kosh से
Anilgaud (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:50, 8 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: जुल्फ - अंगडाई - तबस्सुम - चाँद - आईना -गुलाब भुखमरी के मोर्चे पर ढल ग…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जुल्फ - अंगडाई - तबस्सुम - चाँद - आईना -गुलाब भुखमरी के मोर्चे पर ढल गया इनका शबाब पेट के भूगोल में उलझा हुआ है आदमी इस अहद में किसको फुर्सत है पढ़े दिल की किताब इस सदी की तिश्नगी का ज़ख्म होंठों पर लिए बेयक़ीनी के सफ़र में ज़िंदगी है इक अजाब डाल पर मजहब की पैहम खिल रहे दंगों के फूल सभ्यता रजनीश के हम्माम में है बेनक़ाब चार दिन फुटपाथ के साये में रहकर देखिए डूबना आसान है आंखों के सागर में जनाब