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सिरहाने / दिनेश कुमार शुक्ल

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क्या धरा है नींद के उष्णीश पर

एक पुस्तक अधपढ़ी
अधखुला-सा एक हाथ
एक चिन्ता
दो खुली आँखें
और
अनगिन निष्पलक पल

और किंचित्
तुम्हारा आभास...