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औरतें / अनिल जनविजय

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रचनाकारः अनिल जनविजय

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औरतें

शहरों की तरह होती हैं


जिन्हें

जितना ज़्यादा निकट से

तुम देखते हो


उन्हें

उतना ही कम

तुम जानते हो


(1998)