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आज, अभी इस क्षण / अनिल जनविजय
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अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:20, 21 अक्टूबर 2007 का अवतरण
आज, अभी इस क्षण
बहुत उदास है मन
जैसे हृदय पर कोई
मार रहा हो घन
कहाँ गई वो रूपा
जिसका नाम गगन
छूट गया सब पीछे
हार गया हूँ रण
पर अब भी बाक़ी है
दुनिया में जीवन
(1998)