Last modified on 17 फ़रवरी 2011, at 17:12

रात ! / कन्हैया लाल सेठिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:12, 17 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्ह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


अंधेरो
आंख रो काजळ,
तारा
डील री रूंआळी,
कुण कवै
रात नै काळी ?
बीं रो ही रूप
दीठ
दिवलै री उजाळी !