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नींद में कविता / प्रशान्त कुमार

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नींद में कविता
मैं सुनता रहा
रात भर-
कविता का शोर
रात भर नींद मेरी
भट्ठी-सी धधकती रही
नींद में कविता का टूटा हुआ जीवन था ।