Last modified on 19 फ़रवरी 2011, at 15:39

प्रार्थना(कविता का अंश ) / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:39, 19 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रकुंवर बर्त्वाल |संग्रह=मेध नंदिनी / चन्द…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रार्थना(कविता का अंश )
मेरे पाप भुला दो करूणामय निज मन से,
आओ देखो दुख में डूबे हुये नयन ये
यदि न अभी भी यह उर सुन्दर स्वचछ हुआ हो,
ते दुख में ही रहने देना कुछ दिन मुझको।
ळो यदि स्वच्छ लगााना उर से और नयन से।
(मेध नंदिनी पृष्ठ 24 )