भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पंखी राजा मीठा बोल (गीत) / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:19, 10 मार्च 2011 का अवतरण ("पंखी राजा मीठा बोल (गीत) / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पंखी राजा रे पंखी
राजा मीठा बोल
जोत जगी हर मन में
भँवरा गूँजा, डाली झूमे
बस्ती, बाड़ी, बन में
जोत जगी हर मन में

नदिया रानी रे
नदिया रानी मीठा बोल
मीठा बोल
घाट लगी हर नाव
रात गई सुख जागा
पायल बाँधो, नाचो, गाओ
घाट लगी हर नाव
नदिया रानी मीठा बोल

सुन्दर गोरी रे
सुन्दर गोरी मीठा बोल
जीवे रूप जवानी
बात करे तो फूल खिलें
अँखियाँ एक कहानी
जैसे दूर से तारा चमके
चमके रूप जवानी
जीवे रूप जवानी

जोत जगी हर मन में
पंखी राजा मीठा बोल
नदिया रानी मीठा बोल
सुन्दर गोरी मीठा बोल