गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 12 मार्च 2011, at 09:12
असल में / चंद्र रेखा ढडवाल
द्विजेन्द्र द्विज
(
चर्चा
|
योगदान
)
द्वारा परिवर्तित 09:12, 12 मार्च 2011 का अवतरण
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्र रेखा ढडवाल |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> आदमी असल में…)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
चंद्र रेखा ढडवाल
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
आदमी असल में
एक घोड़ा
सवार बिठाए बिठाए
न भी दौड़े
एक काठी तो
बिँधी ही रहती है
उसकी माँस-मज्जा से.