भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
उम्मीद / संध्या नवोदिता
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:01, 14 मार्च 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संध्या नवोदिता |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> बड़ी उम्मीद…)
बड़ी उम्मीदों से
मैं तुममें तलाशती हूँ एक साथी
और नाउम्मीद हो जाती हूँ
हर बार
एक पुरुष को पाकर