भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इक पल गमों का दरिया / जावेद अख़्तर

Kavita Kosh से
Tusharmj (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 22:43, 15 जून 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जावेद अख़्तर }} इक पल गमों का दरिया, इक पल खुशी का दरिया ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इक पल गमों का दरिया, इक पल खुशी का दरिया

रूकता नहीं कभी भी, ये जिन्‍देगी का दरिया

आँखें थीं वो किसी की या ख्‍वाब के ज़ंजीरे

आवाज़ थी किसी की या रागिनी का दरिया

इस दिल की वादियों में अब खाक उड़ रही है

बहता यहीं था पहले इक आशिकी का दरिया

किरनों में हैं ये लहरें, या लहरों में हैं किरनें

दरिया की चाँदनी है, या चाँदनी का दरिया