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शिशिर में भवाली / रमेश कौशिक
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घाटियों की बाल्टी में
बर्फ़
जैसे सर्फ़
अभी कुछ देर में
वह
नभ से उतर कर आयेगी
शिखर के कंगूरों
तरुवरों
घर की छतों पर
कड़े सुखाएगी