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अवधू ईस्वर हमारे चेला भणीजै / गोरखनाथ

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अवधू ईस्वर हमारे चेला भणीजै
             मछीन्द्र बोलीये नाती ।
निगुरी पिरथी परले जाती ताथै हम
             उलटी थापना थापी ।