भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अब नई नई माँ / हेमन्त शेष
Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:38, 20 अप्रैल 2011 का अवतरण
अब नई-नई माँ
रसोई घर में परेशान नहीं।
आदत बन जाने पर
विपन्नता भी
जीवन-शैली हो जाती है।