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मुझको अपने पास बुलाकर / विज्ञान व्रत

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मुझको अपने पास बुलाकर
तू भी अपने साथ रहा कर

अपनी ही तस्वीर बनाकर
देख न पाया आँख उठाकर

बे-उन्वान रहेंगी वरना
तहरीरों पर नाम लिखाकर

सिर्फ़ ढलूँगा औज़ारों में
देखो तो मुझको पिघलाकर

सूरज बनकर देख लिया ना
अब सूरज सा रोज जलाकर