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तल्ख़ नजारे गांवों में / विज्ञान व्रत
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तल्ख नजारे गांवों में।
रोज हमारे गांवों में।
अक्सर लाशें मिलती हैं
नहर किनारे गांवों में।
गलियों को धमकाते हैं
सब चौबारें गांवों में।
हर मौसम भिखमंगा सा
हाथ पसारे गांवों में।
रैन बसेरा करते हैं
चांद सितारे गांवों में।
ताबीरें शहरों में हैं
सपने सारे गांवों में।