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पेड़ की चाह / नरेश मेहन

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मैं पेड़ हूँ
तुम्हें सब कुछ देता हूँ;
मीठे फल
शुद्व हवा
ठंडी छांव
और अंत में
सौंप देता हूँ
अपना सारा बदन।
बदले में चाहता हूँ
मेरे लिए
थोड़ा सा समय
जिसमें रहे सको
अमन चैन से
अपने बच्चों
और अपने पड़ौसियों के संग
मेरे साथ