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चुनाव / नरेश अग्रवाल
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जब काम कम किये जाते हैं
और उन्हे प्रचारित अधिक
यह सोचकर कि कोई समझ नहीं पायेगा
उनकी यह चालाकी
अंत में हार जाते हैं वे लोग
क्योंकि सधी हुई नजरें
हमेशा पहचान लेती हैं
किसे तौलना चाहिए
रत्ती से और किसे लोहे से
सही समय आने पर
वे अपना उत्तर
तुरन्त उगल देते हैं ।