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म्हनै नीं लाधै सबद / नीरज दइया
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हेत खातर
आडै दिन हुय जावै-
सबद अडोळा।
अणूता सबदां बिच्चै
म्हनै नीं लाधै बै सबद
जिण सूं कीं लिखीज सकै-
थारै अर म्हारै हेत बाबत।
थूं म्हारै मांय है
हेत रो समंदर लियां
अर उणी समंदर मांय
म्हैं हूं
म्हारै खातर है-
दुनिया रा रंग।