एक बार नहीं अनेक बार
वह घुसा है चोर की तरह
तालाब के शान्त पानी में
और देखते-देखते
चुराकर लाया है एक मछली
बहुत सारी मछलियों के झुण्ड से
फिर भी अनजान रहीं मछलियॉं
चुप रहीं मछलियॉं
थामा उसका हाथ हमेशा
कोई अपना प्रिय समझकर
एक बार नहीं अनेक बार
वह घुसा है चोर की तरह
तालाब के शान्त पानी में
और देखते-देखते
चुराकर लाया है एक मछली
बहुत सारी मछलियों के झुण्ड से
फिर भी अनजान रहीं मछलियॉं
चुप रहीं मछलियॉं
थामा उसका हाथ हमेशा
कोई अपना प्रिय समझकर