Last modified on 9 मई 2011, at 12:33

अनुभव - १ / नरेश अग्रवाल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:33, 9 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नरेश अग्रवाल |संग्रह=सबके लिए सुंदर आवाजें / नरे…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अपने मन के अनुसार ही
लोग उठायेंगे बोझ, बीती हुई बातों का
कुछ को याद रहेगा पूरा का पूरा जीवन
कुछ को कुछ दिन पहले का भी नहीं
जिनको याद रहेंगी पुरानी बातें
उनका ही अनुभव विस्तृत होगा
विस्तृत अनुभव है विस्तृत प्रकाश
सामथ्र्य सब कुछ खोज डालने की
चुप बैठे नहीं रह सकते अनुभवी आदमी
जानते हैं वे हर सीमा और शक्ति प्राणी की
एक मार्ग दर्शन मिलता है उनसे
जबकि मार्ग में वे खुद होते नहीं।