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कुतुहल का विषय है आदमी / धरमराज

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अब आदमी
पेशेवर हो गया है
कई प्रकार का सभी स्थानों पर
आदमी उपलब्ध है ।

यह आदमी का संग्रहालय है
यहाँ देखो -
इस आदमी की भूख से
लड़ते हुए हुई मौत
इसकी मौत का कारण यह रहा
कि इसने चखा नमक का स्वाद पहली बार
इसने तो आत्महत्या इसलिए की कि
बहन के साथ हुए हादसे को भुला नहीं पाया ।

ये हादसे में मरे आदमी हैं
कई मौतें इसलिए हुईं कि
वो हिन्दू थे और
कई इसलिए मार दिए गए कि
उन्होंने बसा लिया था हृदय में
कुरान-ए-शरीफ़ की आयतों को

और यह देखो
इसने चुपड़ी रोटी के साथ
अचार खा लिया,
इसने विज्ञान की प्रज्ञा को
मात्र रसना पर रखा ही था
कि स्वाद ही नहीं बता पाया

कितने अजीब होते हैं आदमी
कर्त्ता स्वयं है
फल की इच्छा के लिए
आश्रित है ईश्वर पर

मौत का भय
और जीने की लालसा के बारे में
वह निस्पृह सोचता है
कि कुतुहल का विषय है आदमी ।