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एक चिरैया सोने की / कुमार रवींद्र
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कल की घटना
हमने देखी एक चिरैया सोने की
पल भर को वह आकर बैठी
चंपा पर - फिर लोप हुई
रहे खोजते हम पूरे दिन
आख़िर थी वह कहाँ गई
सुनी कहानी थी
हमने ऐसी चिड़िया के होने की
हो सकता है भ्रम हो यह भी
ज्यों था सोने का हिरना
मरु-प्रदेश में बादल का भी
होता है यों ही घिरना
वहाँ कहानी चलती है
चिड़िया के चोंच भिगोने की
अब तक सोने की लंका है
दुनिया-भर को भरमाती
चिड़िया भी यह झलक दिखाकर
आसमान में छिप जाती
और बावरे हैं हम
चिंता हमें सभी कुछ खोने की