भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सीढ़ी / हरीश करमचंदाणी

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:23, 26 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>बच्चा घुटनों के बल चलता चढ़ गया सीढियाँ घबराई माँ की चीख से चौं…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बच्चा
घुटनों के बल चलता
चढ़ गया सीढियाँ
घबराई माँ की चीख से चौंक
बच्चा पीछे मुडा और लुढ़क गया
माँ नहीं डरती
तो बच्चा पार कर जाता सारी सीढीयाँ
उसने सोचा और उदास हो गयी