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दायित्व / हरीश करमचंदाणी

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तुम्हारा काम था दीया जलाना
तुमने जलाया
दीये का काम था रोशनी देना
उसने दी
रोशनी का काम थाअँधेरा मिटाना
उसने मिटाया
तेल चुक गया
दीया बुझ गया
रोशनी ना रही
अँधेरा फिर छा गया
कैसे कहते हो
तुम्हारा कोई दोष नहीं