Last modified on 29 मई 2011, at 16:34

गीतावली पद 101 से 110 तक/पृष्ठ 1

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:34, 29 मई 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

(101)

जबतें लै मुनि सङ्ग सिधाए |
राम लखनके समाचार, सखि तबतें कछुअ न पाए ||

बिनु पानही गमन, फल भोजन, भूमि सयन तरुछाहीं |
सर-सरिता जलपान, सिसुनके सँग सुसेवक नाहीं ||

कौसिक परम कृपालु परमहित, समरथ, सुखद, सुचाली |
बालक सुठि सुकुमार सकोची, समुझि सोच मोहि आली ||

बचन सप्रेम सुमित्राके सुनि सब सनेह-बस रानी |
तुलसी आइ भरत तेहि औसर कही सुमङ्गल बानी ||