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गीतावली उत्तरकाण्ड पद 11 से 20 तक/पृष्ठ 4
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राग भैरव
रामचन्द्र-करकञ्ज कामतरु बामदेव-हितकारी |
सियसनेह-बर बेलि-बलित बर-प्रेम बन्धु बर बारी ||
मञ्जुल मङ्गल-मूल मूल तनु, करज मनोहर साखा |
रोम परन, नख सुमन, सुफल सब काल सुजन-अभिलाषा ||
अबिचल, अमल, अनामय, अबिरल ललित, रहित छल छाया |
समन सकल सन्ताप-पाप-रुज-मोह-मान-मद-माया ||
सेवहिं सुचि मुनि भृङ्ग-बिहग मन-मुदित मनोरथ पाए |
सुमिरत हिय हुलसत तुलसी अनुराग उमगि गुन गाए ||