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गीतावली उत्तरकाण्ड पद 11 से 20 तक/पृष्ठ 5

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रामचरन अभिराम कामप्रद तीरथ-राज बिराजै |
सङ्कर-हृदय-भगति-भूतलपर प्रेम-अछयबट भ्राजै ||

स्यामबरन पद-पीठ, अरुन तल, लसति बिसद नखस्रेनी |
जनु रबि-सुता सारदा-सुरसरि मिलि चलीं ललित त्रिबेनी ||

अंकुस-कुलिस-कमल-धुज सुन्दर भँवर तरङ्ग-बिलासा |
मज्जहिं सुर-सज्जन, मुनिजन-मन मुदित मनोहर बासा ||

बिनु बिराग-जप-जाग-जोग-ब्रत, बिनु तप, बिनु तनु त्यागे |
सब सुख सुलभ सद्य तुलसी प्रभु-पद-प्रयाग अनुरागे ||