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मृत्यु प्रमाणपत्र / प्रेमरंजन अनिमेष
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यही अंतिम पहचान
और पाना एकदम आसान
जगह जगह सूचनायें उद्घोषणायें
पता किया है
यह भी उतना ही
सहल
जितना दूसरे प्रमाणपत्र
अब चूँकि एक काम है
इसलिए इसका भी दाम है
नहीं तो कहना सुनना
दबिश सिफ़ारिश
कफ़न का भी सौदा होता जब
फिर इसमें किसी रियायत की
उम्मीद क्यों
सवाल है
इतना कौन करेगा
अपने पीछे
अपने बाद
जबकि रहे तो कोई नहीं
करता याद
जैसे सब किया धरा
सारे खाने पूरे
समझदारी तो यही
अपने जीते जी
यह भी एक प्रमाणपत्र
रख लिया जाये बनवा कर…