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चेहरे पर चेहरा / कृष्ण शलभ

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चेहरे पर चेहरा मत रख
तू खुद को ऐसा मत रख

सब तेरी मुट्ठी में है
ऐसा तो दावा मत रख

तुझको मंज़िल पानी तो
कभी कदम आधा मत रख

काम चले, बस इतना रख
दौलत को ज़्यादा मत रख

बातें चाहे जैसी कर
लहज़े को तीखा मत रख!