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जाऊँगा / सुब्रत देव
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यदि जाना हुआ तो
ऐसे ही नहीं चला जाऊँगा !
जो ऐसे ही चले जाते हैं-
उनका जाना क्या, न जाना क्या !
यदि जाना हुआ तो जाऊँगा
रास्ते के दोनों तरफ़ लगे
कँटीले पेड़ उखाड़कर-
समूल
कि पदयात्री नंगे पाँव पहुँच जायें
सीमांत तक !
यदि जाना हुआ तो
अच्छी तरह हिलाकर जाऊँगा-
महावृक्ष
ऐसे कि डोलायमान सब
बाध्य हों
स्थिर हो जाने को !
यदि जाना हुआ तो जाऊँगा
दर्जन-भर साथ लिए-
जिससे कि मीडिया
चाहे भी तो
ब्लैक-आउट नहीं कर पाये !
मूल बंगला से अनुवाद : चंद्रिमा मजूमदार और अनामिका