ओप भरी कंचुकी उरोजन पर ताने कसी, लागी भली भाई सी भुजान कखियाँन में त्योही पद्माकर जवाहर से अंग अंग, इंगुर के रंग की तरंग नखियाँन में फाग की उमंग अनुराग की तरंग ऐसी, वैसी छवि प्यारी की विलोकी सखियाँन में केसर कपोलन पै, मुख में तमोल भरे, भाल पे गुलाल, नंदलाल अँखियाँन में