प्यार और बग़ावत के मैं गीत लिखता हूँ
हैवानियत की हार और इंसानियत की जीत लिखता हूँ
लड़ाई ज़ारी रहेगी जब तक ‘इंसान’ इंसान नहीं बनता
इसलिये अपना नाम अभी ‘रणजीत’ लिखता हूँ ।
प्यार और बग़ावत के मैं गीत लिखता हूँ
हैवानियत की हार और इंसानियत की जीत लिखता हूँ
लड़ाई ज़ारी रहेगी जब तक ‘इंसान’ इंसान नहीं बनता
इसलिये अपना नाम अभी ‘रणजीत’ लिखता हूँ ।