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प्रेम : एक एलबम | |
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रचनाकार: | वी० एम० गिरिजा |
अनुवादक: | अरविन्दाक्षन |
प्रकाशक: | राधाकृष्ण प्रकाशन प्रा० लि०, 2/38, अंसारी मार्ग, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 |
वर्ष: | 1999 (प्रथम संस्करण) |
मूल भाषा: | मलयालम |
विषय: | -- |
शैली: | -- |
पृष्ठ संख्या: | 64 |
ISBN: | 81-7119-499-0 |
विविध: | -- |
इस पन्ने पर दी गयी रचनाओं को विश्व भर के योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गयी प्रकाशक संबंधी जानकारी प्रिंटेड पुस्तक खरीदने में आपकी सहायता के लिये दी गयी है। |
- बारिश / वी० एम० गिरिजा
- दांपत्य / वी० एम० गिरिजा
- कुब्जा / वी० एम० गिरिजा
- कालिख पुती छोटी सी दुनिया की स्त्री का सपना / वी० एम० गिरिजा
- संसार की तरह / वी० एम० गिरिजा
- जंगल / वी० एम० गिरिजा
- गैर व्यक्ति / वी० एम० गिरिजा
- वापसी / वी० एम० गिरिजा
- चित्रा / वी० एम० गिरिजा
- शूरपणखा / वी० एम० गिरिजा
प्रेम : एक एलबम
- एक : जादू / वी० एम० गिरिजा
- दो : विरह / वी० एम० गिरिजा
- तीन : सुहानी हिमवत धरती पर / वी० एम० गिरिजा
- चार : परस्पर / वी० एम० गिरिजा
- पाँच : संयोग / वी० एम० गिरिजा
- छः : शरीर और आत्मा / वी० एम० गिरिजा
- सात : काला सूरज / वी० एम० गिरिजा
- आठ : बप्तिस्मा / वी० एम० गिरिजा
- नौ : आजाद और चारुलता के लिए / वी० एम० गिरिजा
- दस : पत्ता / वी० एम० गिरिजा
- ग्यारह : फासला / वी० एम० गिरिजा
- बारह : खदान / वी० एम० गिरिजा
- तेरह : नीला कुँआ / वी० एम० गिरिजा
- चौदह : स्पर्श भिक्षा / वी० एम० गिरिजा
- पंद्रह : स्नेह / वी० एम० गिरिजा
- सोलह : स्नेहवृक्ष / वी० एम० गिरिजा
- सत्रह : स्नेहावहन / वी० एम० गिरिजा
- अठारह : अदालत / वी० एम० गिरिजा
- उन्नीस : तुम्हारे साथ उड़कर / वी० एम० गिरिजा
- बीस : प्रेम / वी० एम० गिरिजा