मैं नही रहूँगा
पर रहोगे ही तुम
फिर से अकेले।
मेरे होने में जो
सृष्टि है आनन्द
तुम्हारे होने में
फिर दुःख होगी वह।
(1994)
मैं नही रहूँगा
पर रहोगे ही तुम
फिर से अकेले।
मेरे होने में जो
सृष्टि है आनन्द
तुम्हारे होने में
फिर दुःख होगी वह।
(1994)