Last modified on 22 जुलाई 2011, at 16:40

तुम्हारे होने में / नंदकिशोर आचार्य

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:40, 22 जुलाई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=बारिश में खंडहर / नंदकि…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


मैं नही रहूँगा
पर रहोगे ही तुम
फिर से अकेले।

मेरे होने में जो
सृष्टि है आनन्द
तुम्हारे होने में
फिर दुःख होगी वह।

(1994)