भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
साथी / हरीश बी० शर्मा
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:07, 8 अगस्त 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीश बी० शर्मा |संग्रह=थम पंछीड़ा.. / हरीश बी० शर…)
साथी !
जिको समै सर हिम्मत बंधावै,
फोड़ो-पड़ियां साथ निभावै
सुख में समझावै
अर
अपां सूं जिकै रो नातो
एक पिछाण बण‘र
लोगां रै सांमी आवै।