भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

उपलब्धियाँ / भारत यायावर

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:24, 19 जुलाई 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भारत यायावर |संग्रह=हाल-बेहाल / भारत यायावर }} पाना मुश...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


पाना मुश्किल है

बेहद मुश्किल

अचानक चलते रास्ते में

पड़ी नहीं मिल जातीं

उपलब्धियाँ

एक लम्बे समय का

इन्तज़ार करती हैं


कितना ख़ून

जलता है

और बहता है

कितनी रातें

दिन की तरह

आँखों में कटतीं

कितनी दूरी

कँटीले रास्ते

नंगे क़दमों तय करते


पाना पाना है

उपलब्धियाँ

यूँ ही गले नहीं लगातीं

साधना

एक अनवरत साधना

और पाकर

छोड़ देना

बहुत साहस

बहुत जोख़िम चाहिए

बेहद मुश्किल है छोड़ देना

पाना मुश्किल है

और पाकर छोड़ देना

उससे भी मुश्किल

उससे भी बड़ी उपलब्धि


(रचनाकाल :1992)