Last modified on 9 अगस्त 2011, at 12:04

पंचायती सूं पैली / हरीश बी० शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:04, 9 अगस्त 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरीश बी० शर्मा |संग्रह=थम पंछीड़ा.. / हरीश बी० शर…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


कांई, जमानै री बात करो हो ?
बात नीं सा
राड़ मांडो हो
भूलै सूं
फेरूं कदै ना करीज्यो
इसो काम।
ना राखीज्यो
इसो बैम।
पैला घर में तो
भारत ठीक चला लो
फेर आस-पड़ोस री भींतां में
कान लगाया,
पंचायत करण नै।