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मुश्क़िलों का प्रलाप क्या करना / नवीन सी. चतुर्वेदी
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मुश्क़िलों का प्रलाप क्या करना|
बेहतर है मुकाबला करना|१|
वो ही मेंढक कुएं से बाहर हैं|
जिनको आता है फैसला करना|२|
जिस की बुनियाद ही मुहब्बत हो|
उस की तारीफ़ यार क्या करना|३|
जब वो खुद को तलाश लें, खुद में|
बेटियों को तभी विदा करना|४|
हम वो बुनकर जो बुनते हैं चादर|
हमको भाए न चीथड़ा करना|५|
हम तो खुद ही निसार हैं तुम पर|
चाँद-तारे निसार क्या करना|६|
बातें करते हुए - हुई मुद्दत|
आओ सोचें, कि अब है क्या करना|७|