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मौलिकता / हरीश बी० शर्मा

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संभावनाएं
सत्यकथाएं बनना चाहती हैं
बढ़ाती है उस ओर कदम
लांघने को होती हैं
अपनी देहरी
हो जाता है
निजत्व का एहसास
संभावनाएं
नहीं छोड़ पाती अपनी मौलिकता।
आशंकाएं सच हो जाती हैं
संभावनाएं, मखौल बन जाती हैं।