Last modified on 15 सितम्बर 2011, at 04:30

मैंने सहेज कर रखी है / नीरज दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:30, 15 सितम्बर 2011 का अवतरण

तुम्हारी स्मृति
अभी तक नहीं भूली
मुझ तक पहुंचने के रास्ते

मैंने सहेज कर रखी है
तुम्हारी स्मृति
अपने सपनों के संग !

सीमाएं सदैव बदली
और कुछ बदले हम भी
पर इस बदलाव में
नहीं बदली, मेरे लिए-
तुम्हारी छवि
यदि बदल जाती
तो भूल जाती स्मृति-
मुझ तक पहुंचने के रास्ते ।


अनुवाद : नीरज दइया