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सपने-3 / सुरेश सेन नि‍शांत

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बहुत चालाक थे आतताई
कहीं भी नहीं लगने दिया उन्होंने

शहर के किसी भी चौराहे पर
कोई चेतावनी पट्ट

कि सपनों की भ्रूण-हत्या अपराध है