भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
गंगा का स्थान / राजेन्द्र जोशी
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:13, 27 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}<poem>पहाड़ों का क्…)
पहाड़ों का क्षेत्र !
पहाड़ों का रूप निराला
बिन बीजे
यहां - वहां वृक्ष ही वृक्ष
कुदरत की देन
पहाड़ पर अपार
जड़ी बूटियों की भरमार
प्रत्येक वृक्ष , पुष्प पत्ती जीवनदायिनी ।