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पड़ौसी / राजेन्द्र जोशी

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किसे कहूँ मैं पड़ौसी
एक कोने से
नशीला माल आता है
दूसरे से
गोली चलती है
तीसरे से
चिंगारियां उठती है
चौथे में
ट्रैनिंग चलती है !
किसे कहूँ मैं पड़ौसी.........
एक कोने से
घंटी बजती है
दूसरे से
अजान चलती है
तीसरे से
गुरूवाणी
चौथे में अहिंसा के केम्प चलते है !
मेरे आगे गाँधी है
हिंसा कायरता है
आदमी का आदमी
ही पड़ौसी है !
मेरा पड़ौसी तो वो है !