Last modified on 26 फ़रवरी 2008, at 23:47

उसके लिए / आग्नेय

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:47, 26 फ़रवरी 2008 का अवतरण

रात में जिसे प्यार करता हूँ

दिन में उससे ही घृणा करता हूँ

अंधकार में ही खड़े रहें सब

स्थगित रहे सूर्य का प्रकाश

जब तक मैं बचा हूँ

जानता हूँ रचा गया है सूर्य

जीवन के लिए

अंधकार भी तो रचा गया है

प्रेम के लिए

अंतत: मुझे अंधकार में

उसके साथ

उसके प्रेम के लिए खड़ा रहना है ।