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अंधेरा मेरे लिए / वेणु गोपाल

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अंधेरा मेरे लिए


रहती है रोशनी

लेकिन दिखता है अंधेरा तो

कसूर

अंधेरे का तो नहीं हुआ न!

और

न रोशनी का!

किसका कसूर?

जानने के लिए


आईना भी कैसे देखूं

कि अंधेरा जो है

मेरे लिए

रोशनी के बावजूद!