भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फागुन-2 / मणिका दास
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:51, 18 नवम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मणिका दास |संग्रह=वक़्त मिले तो आ ज...' के साथ नया पन्ना बनाया)
एक शराबी युवक का नाम है फागुन
ठूँठ पर बैठकर
छेड़ता है
राह चलती लड़कियों को
बाल खींचता है,
खींचता है सीने से दुपट्टा
लड़कियों के बदन पर
छिड़कता है मुट्ठी भर गुलाल