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तेरी बिंदिया रे / मजरूह सुल्तानपुरी

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तेरी बिंदिया रे
रे आय हाय
तेरी बिंदिया रे
रे आय हाय

सजन बिंदिया ले लेगी तेरी निंदिया

रे आय हाय
तेरी बिंदिया रे

तेरे माथे लगे हैं यूँ, जैसे चंदा तारा
जिया में चमके कभी कभी तो, जैसे कोई अन्गारा
तेरे माथे लगे हैं यूँ

सजन निंदिया...
सजन निंदिया ले लेगी ले लेगी ले लेगी
मेरी बिंदिया

रे आय हाय
तेरा झुमका रे
रे आय हाय
तेरा झुमका रे

चैन लेने ना देगा सजन तुमका
रे आय हाय मेरा झुमका रे

मेरा गहना बलम तू, तोसे सजके डोलूं
भटकते हैं तेरे ही नैना, मैं तो कुछ ना बोलूं
मेरा गहना बलम तू

तो फिर ये क्या बोले है बोले है बोले है
तेरा कंगना
रे आय हाय
मेरा कंगना रे
बोले रे अब तो छूटे न तेरा अंगना

रे आय हाय
तेरा कंगना रे

तू आयी है सजनिया, जब से मेरी बनके
ठुमक ठुमक चले है जब तू, मेरी नस नस खनके
तू आयी है सजनिया

सजन अब तो
सजन अब तो छूटेना छूटेना छूटेना
तेरा अंग्ना

रे आय हाय
तेरा कंगना रे

सजन अब तो छूटेना तेरा अंगना
रे आय हाय
तेरा अंगना रे