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एक आस ने / नंदकिशोर आचार्य
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एक बूँद ने आँख सूखी
कर दी डबडब झील
हरा कर दिया पेड़
केवल एक पत्ती ने
एक शब्द ने सूनेपन को
कर दिया दुनिया—
एक आस ने कर दिया है
अमर यह अस्तित्त्व ।
—
22 अप्रैल, 2009